एक दिन एक छोटा सा बालक जो कि प्राइमरी स्कूल का छात्र था, भागते-भागते अपने घर आया और एक कागज का पन्ना अपनी माँ को दिया और बोला….”मेरे शिक्षक ने यह कागज दिया है और कहाँ है कि इसे अपनी माँ को ही देना.”
उस कागज को पढ़ते ही माँ कि आँखों से आँसू बहने लगे और वो जोर-जोर से रोने लगी. माँ को इस तरह रोता देख उस बालक ने पूछा कि…”इसमें ऐसा क्या लिखा है, जो तुम ऐसे रो रही हो?”
माँ ने सुबकते हुए अपने आँसू पोछे और बोली:- इसमें लिखा है….”आपका बेटा जीनियस है, हमारा स्कूल बहुत छोटे स्तर का है और शिक्षक भी बहुत प्रशिक्षित नही है, इसलिए इसे आप स्वंय शिक्षा दे.”
कुछ वर्षों के बाद उस बालक कि माँ का स्वर्गवास हो गया. वो बालक थॉमस एल्वा एडिसन के नाम से विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक बन गये थे. इन्होंने कई महान अविष्कार किए. एक दिन वह अपनी परिवारिक वस्तुओं को देख रहे थे. अलमारी के एक कोने में उन्हें कागज का एक टुकड़ा मिला, उत्सुकतावश उसे खोलकर देखा और पढ़ने लगे. यह वही कागज था. उस कागज में लिखा था:- ”आपका बच्चा बौद्धिक तौर पर कमजोर है, उसे इस स्कूल में अब और नही आना है.”
एडिसन आवाक रह गये और घण्टों तक रोते रहे, फिर अपनी डायरी में लिखा…”एक महान माँ ने बौद्धिक तौर पर कमजोर बच्चे को सदी का महान वैज्ञानिक बना दिया.”
यही सकारात्मकता और सकारात्मक पालक (माता-पिता) की शक्ति है… Always Think Positive