Category: Inspirational Story
बाबाजी मुस्कुराये , बोले.. मैं सोच ही रहा था कि अभी तक ये सवाल किसी ने क्यों नहीं किया
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यह मैसेज जितनी बार पढे उतना कम ही है । एक बार बाबाजी आये और उन्होंने छात्रों से कहा कि वे आज जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ पढाने वाले हैं ... उन्होंने अपने साथ लाई एक काँच की बडी बरनी ( जार ) टेबल पर रखा और उसमें ...
उस कागज को पढ़ते ही माँ कि आँखों से आँसू बहने लगे – एक दिलचस्प कहानी
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एक दिन एक छोटा सा बालक जो कि प्राइमरी स्कूल का छात्र था, भागते-भागते अपने घर आया और एक कागज का पन्ना अपनी माँ को दिया और बोला….”मेरे शिक्षक ने यह कागज दिया है और कहाँ है कि इसे अपनी माँ को ही देना.” उस कागज को पढ़त...
माँ ने सोच कर उत्तर दिया – “बेटा” हिसाब ज़रा लम्बा है, सोच कर बताना पडेगा
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एक बेटा पढ़-लिख कर बहुत बड़ा आदमी बन गया। पिता के स्वर्गवास के बाद माँ ने हर तरह का काम करके उसे इस काबिल बना दिया था। शादी के बाद पत्नी को माँ से शिकायत रहने लगी के वो उन के स्टेटस मे फिट नहीं है। लोगों को बताने मे उ...
वे अक्सर मेरी माँ और हम दोनों भाइयों को पीटा करते थे – एक दिलचस्प कहानी
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किसी शहर में दो भाई रहते थे . उनमे से एक शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था तो दूसरा एक ड्रग -एडिक्ट था जो अक्सर नशे की हालत में लोगों से मार -पीट किया करता था . जब लोग इनके बारे में जानते ...
बाबाजी इन दोनों तोतों के व्यवहार में आखिर इतना अंतर कयों है?
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एक बार एक राजा शिकार के उद्देश्य से अपने काफिले के साथ किसी जंगल से गुजर रहा था | दूर दूर तक शिकार नजर नहीं आ रहा था, वे धीरे धीरे घनघोर जंगल में प्रवेश करते गए | अभी कुछ ही दूर गए थे की उन्हें कुछ डाकुओं के छिपने की ...
बाबाजी बोले – लो, तुम्हें इसी सन्दर्भ में एक कहानी सुनाता हूँ
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एक बार एक शिष्य ने विनम्रतापूर्वक अपने गुरु जी से पूछा-‘गुरु जी,कुछ लोग कहते हैं कि जीवन एक संघर्ष है,कुछ अन्य कहते हैं कि जीवन एक खेल है और कुछ जीवन को एक उत्सव की संज्ञा देते हैं | इनमें कौन सही है?’गुरु जी ने तत्क...
बाबा भला ऐसा क्यों हुआ कि हमारे नाचने से बारिस नहीं हुई और आपके नाचने से हो गयी ? एक प्रेणादायक कहानी
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किसी गाँव मे एक बाबाजी रहा करता था ,वो जब भी नाचता तो बारिस होती थी . अतः गाव के लोगों को जब भी बारिस की जरूरत होती थी ,तो वे लोग साधु के पास जाते और उनसे अनुरोध करते की वे नाचे , और जब वो नाचने लगता तो बारिस ज़रूर हो...
बाबाजी ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सत्संग शुरू की – एक प्रेणादायक कहानी
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बाबाजी ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सत्संग शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए. फिर बाबाजी ने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें ...