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बाबाजी बोले – लो, तुम्हें इसी सन्दर्भ में एक कहानी सुनाता हूँ

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एक बार एक शिष्य ने विनम्रतापूर्वक अपने गुरु जी से पूछा-‘गुरु जी,कुछ लोग कहते हैं कि  जीवन एक संघर्ष है,कुछ अन्य कहते हैं कि जीवन एक खेल है और कुछ जीवन को एक उत्सव की संज्ञा देते हैं | इनमें कौन सही है?’गुरु जी ने तत्क...

बाबा भला ऐसा क्यों हुआ कि हमारे नाचने से बारिस नहीं हुई और आपके नाचने से हो गयी ? एक प्रेणादायक कहानी

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किसी गाँव मे एक बाबाजी रहा करता था ,वो जब भी नाचता तो बारिस होती थी . अतः गाव के लोगों को जब भी बारिस की जरूरत होती थी ,तो वे लोग साधु के पास जाते और उनसे अनुरोध करते की वे नाचे , और जब वो नाचने लगता तो बारिस ज़रूर हो...

बाबाजी ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सत्संग शुरू की – एक प्रेणादायक कहानी

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  बाबाजी ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सत्संग शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए. फिर बाबाजी ने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें ...

अगर मै अकेली एक बाल्टी पानी डाल दूं तो किसी को क्या पता चलेगा – एक प्रेणादायक कहानी

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एक बार एक राजा के राज्य में महामारी फैल गयी। चारो ओर लोग मरने लगे। राजा ने इसे रोकने के लिये बहुत सारे उपाय करवाये मगर कुछ असर न हुआ और लोग मरते रहे। दुखी राजा ईश्वर से प्रार्थना करने लगा। तभी अचानक आकाशवाणी हुई। आसमा...

बाबा, मेरा पति मुझसे बहुत प्रेम करता था , लेकिन वह जबसे युद्ध से लौटा है ठीक से बात तक नहीं करता – एक दिलचस्प कहानी

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बहुत समय पहले की बात है , एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था. वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर -दूर तक फैली थी. एक दिन एक औरत उसके पास पहुंची और अपना दुखड़ा रोने लगी , ” बाबा, मेर...

गुरु जी का शिष्यों को आखिरी उपदेश – एक प्रेणादायक कहानी

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गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों  में आज काफी उत्साह था , उनकी बारह वर्षों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और अब वो अपने घरों को लौट सकते थे . गुरु जी भी अपने शिष्यों की शिक्षा-दीक्षा से प्रसन्न थे और गुरुकुल की...

पापा, क्या मैं आपका एक घंटा खरीद सकता हूँ ? एक प्रेणादायक कहानी

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एक  व्यक्ति  office में देर  रात तक काम  करने  के  बाद  थका -हारा घर  पहुंचा  . दरवाजा  खोलते  ही  उसने  देखा  कि  उसका  पांच  वर्षीय  बेटा  सोने  की  बजाये  उसका  इंतज़ार  कर  रहा  है .अन्दर  घुसते  ही  बेटे  ने ...

आलस्य को त्यागकर श्रम करने की सीख देती एक प्रेणादायक कहानी

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एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन  वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था |सदा स्वाध्याय से दूर भागने की ...