जैसा अन्न वैसा मन - Jaisa bhojan waisi soch - Short Story Radha Soami
बासमती चावल बेचने वाले एक सेठ की स्टेशन मास्टर से साँठ-गाँठ हो गयी। सेठ को आधी कीमत पर बासमती चावल मिलने लगा। सेठ ने सोचा कि इतना पाप हो रहा है ...
सत्संग का फायदा
एक बार एक गांव में एक संत पधारे, उन्होंने उस गांव में कुछ दिन रुक कर सत्संग करने का निर्णय लिया, सत्संग की सभी तैयारियां कर ली गई, गांव के लोग सत्संग सुनने आने लगे, धीरे धीरे दूसरे गांव के लोग भी आन...
सभी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब सभी चीज़ें आपके विरोध में हो रहीं हों | चाहें आप एक प्रोग्रामर हैं या कुछ और, आप जीवन के उस मोड़ पर खड़े होता हैं जहाँ सब कुछ ग़लत हो रहा होता है| अब चाहे ये कोई सॉफ्टवेर हो सकता ह...
Here is another a beautiful and must read new sakhi or short story Satguru ka Shukr Kare. Satguru ka Shukr Kare - Latest Radha Soami Sakhi
लाहौरी और शाहआलमी दरवाजों के बाहर कभी एक बाग़ था। वहाँ एक फ़क़ीर था। उसके द...
Sewa Sant! A Nice Radha Soami Sakhi 2016
हरनाम सिंह जी की कपड़े की दुकान थी। परन्तु
सन्तों की सेवा में इतना समय लग जाता कि दुकान
दिन में कभी दो-चार घण्टे ही खुलती और कभी
बिल्कुल बंद रहती। यह कथन बिल्कुल सत्य है क...
प्रतापनगर एक बहुत ही संपन्न राज्य था। वहाँ के राजा बहुत ही प्रतापी थे और प्रजा का पूरा ख्याल रखते थे। राजा ने पूरे जीवन प्रजा की मन से सेवा की थी लेकिन अब वह बूढ़े हो चले थे तो मन में बड़ी दुविधा थी कि उनके बाद राज्य को...
पत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जा
रही थी और पति बार बार उसको अपनी हद में
रहने की कह रहा था
लेकिन पत्नी चुप होने का नाम ही नही ले
रही थी व् जोर जोर से चीख चीखकर कह रही
थी कि
“उसने अंगूठी टेबल पर ही रखी थी और ...
बात तब की है जब डेरे का काम चल रहा था
बात तब की है जब डेरे का काम चल रहा था और हजारो सेवादार सेवा मे लगे रहते थे.
उस समय ईंटे बाहर से लाइ जाती थी
रास्ते मे सडक के किनारे एक मोची अपनी दुकान लगाया करता था.
उसे ...