Shabad – Guru Bin Dhakke Khaoge
Shabad by – Param Sant Kanwar Saheb ji Maharaj
गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!
छल बल करके लूटी दुनिया, क्या ले जाओगे !
सजा मिलेगी कर्म किये की, पड़े चिल्लाओगे !!
गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!
जो तुम करो झूठ व्यवहारा, नहीं सत चित लाओगे !
देखेंगे जम दूत खड़े, सब सांच बताओगे !!
गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!
आज भजूं मैं काल भजूं, में टेम गवाओगे !
चेता जा तो चेत अभी, नहीं फिर पछताओगे !!
गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!
परधन तकते कभी नहीं थकते, क्या ले जाऊगे !
यहाँ की वास्तु यही रहे, तुम खली जाओगे !!
गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!
कदे न संत शरण में जाते, ज्ञान कहाँ से पाओगे !
बिन सतगुरु के नाम दान, लख चोरासी भरमाओगे !!
गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!
सतगुर ‘ताराचंद’ के शरण हो, ज्ञान अधर का पाओगे !
‘कँवर’ भंवर से तभी बचे, जो ‘राधा स्वामी’ गाओगे !!
गुरु बिन धक्के खाओगे, गुरु बिन धक्के खाओगे ! जन्म जन्म का मांगे लेखा, क्या बतलाओगे !!