अमेरिका में एक सेमीनार चल रहा था जिसका विषय था – SECRET OF HAPPINESS AND SATISFACTION IN LIFE. बहुत सारे प्रवक्ता आये और उन्होंने अपने अपने मत रखे. सबसे आखिर में एक प्रवक्ता आये और उन्होंने वहां बैठे लोगो से कहा कि वे आज कुछ speech देने की बजाये एक प्रैक्टिकल के माध्यम से आपकी जिन्दगी का एक महत्वपूर्ण पाठ पढाने वाले हैं जिसके माध्यम से बहुत सरलता से आपको पता चलेगा की आखिर क्या है SECRET OF HAPPINESS AND SATISFACTION IN LIFE.
उन्होंने कांच के बड़े जार (बरनी) को एक मेज (टेबल) पर रखा और उसमें प्लास्टिक के छोटी गेंदें डालने लगे और वह उस जार में गेंदे तब तक डालते रहे जब तक कि उस जार (बरनी) में एक भी गेंद जाने की जगह नहीं बची …
उन्होंने वहां बैठे लोगो से पूछा – क्या जार (बरनी) पूरी तरह भर गई या नहीं ?
सभी ने तेज स्वर में कहाँ – हाँ …
फ़िर प्रवक्ता मुस्कुराये और उन्होंने बरनी में छोटे – छोटे कंकर भरने शुरु किये. धीरे – धीरे जार (बरनी) को हिलाया तो काफ़ी सारे कंकर खाली बची जगह में समा गये.
फ़िर से प्रवक्ता ने पूछा , क्या अब जार (बरनी) भर गया या नहीं?
लोगो ने एक बार फ़िर तेज स्वर में कहाँ – जी हाँ
अब प्रवक्ता ने एक रेत की थैली उठाई और धीरे धीरे उस जार (बरनी) में रेत डालना शुरु कर दिया , जहाँ जहाँ जगह बची थी वहां रेत समां गई.
अब लोग अपनी नादानी पर हँसे …
फ़िर प्रवक्ता ने लोगो से पूछा , अब आप सबका क्या कहना है? अब तो यह जार (बरनी) पूरी तरह भर गया या नहीं?
सभी ने एक स्वर में जौर से कहा -अब तो यह पूरी तरह से भर गई है ..
प्रवक्ता ने मेज (टेबल) के नीचे से पानी की बोतल निकाली और उस बरनी में पानी डालना शुरू कर दिया. पानी भी रेत के बीच में स्थित थोडी सी जगह में सोख लिया गया.
प्रवक्ता मुस्कुराये और उन्होंने वहां बैठे लोगो को इन सबका का मतलब समझाना शुरु किया
इस काँच के जार (बरनी) को आप सभी अपना जीवन (life) समझो ….
उस जार में पड़ी प्लास्टिक की सभी गेंदें आपकी लाइफ का सबसे महत्वपूर्ण भाग यानि की आपका परिवार (family) , बच्चे , दोस्त , स्वास्थ्य और शौक हैं ,
छोटे कंकर मतलब आपकी नौकरी , बडा़ मकान आदि हैं , और
उस रेत का मतलब है आपकी लाइफ की छोटी – छोटी बेकार बातें , लालच, जलन, मनमुटाव , झगडे़ है ..
अब अगर आपने लाइफ के जार में सबसे पहले रेत भरी होती तो प्लास्टिक की गेंदों और कंकरों के लिये तो थोड़ी सी जगह भी नहीं बचती , और अगर सबसे पहले कंकर भर दिये होते तो आप गेंदें नहीं भर पाते लेकिन हाँ रेत जरूर आ सकती थी …
ठीक यही बात आपकी लाइफ पर भी लागू होती है …
अगर आप सभी अपनी लाइफ में दुसरो से जलते रहेंगे या छोटी – छोटी बातों के पीछे पडे़ रहोगे तो आप ना ही खुश (happy) रह सकते है और ना ही संतुष्ट (satisfy).
मन से सुखी और संतुष्ट रहने के लिये जरूरी है की आप अपने दोस्तों और परिवार वालो के साथ समय बिताओ और वह करो जिसे करने पर तुम्हे ख़ुशी मिलती है. प्लास्टिक की गेंदों की फ़िक्र सबसे पहले करो क्योकि आपकी लाइफ के लिए वही सबसे ज्यादा जरुरी है… बाकी सब तो रेत है ..
यह छोटा से मन्त्र ही हम सबकी जिन्दगी में SECRET OF HAPPINESS AND SATISFACTION है. लेकिन आप इसे कैसे समझते है यह सबसे ज्यादा मत्वपूर्ण है. HAPPINESS या SATISFACTION को न ही ख़रीदा नहीं जा सकता और न ही कही जाने से इसे पाया जा सकता है. सब कुछ आपके हाथ में ही है.