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अब वह किसी भी तरह सास से छुटकारा पाने की सोचने लगी – एक दिलचस्प कहानी

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"एक चुटकी ज़हर रोजाना"   पोस्ट अच्छा लगे तो प्लीज शेयर करना मत भूलना आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ और वह अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि उसकी सास के ...

इस बात पर समोसेवाले गोपाल ने बडा सोचा, और बोला…

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एक बडी कंपनी के गेट के सामने एक प्रसिद्ध समोसे की दुकान थी, लंच टाइम मे अक्सर कंपनी के कर्मचारी वहाँ आकर समोसे खाया करते थे। एक दिन कंपनी के एक मैनेजर समोसे खाते खाते समोसेवाले से मजाक के मूड मे आ गये। मैनेजर ...

नेक काम – यमराज हाथ पकड़कर खींचने लगा…

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**************** लघुकथा  **************** नेक काम कई बार आवाज लगाने के बाद भी श्रीमती जी ने चाय नहीं दी । देखा छः बज गए हैं । आँखे मलते हुए मैं उठ बैठा । अरे यह क्या ? घर लोगों से भरा था ! एक सफेद चद्दर उढ़ा , किसी क...

बाबाजी मुस्कुराये , बोले.. मैं सोच ही रहा था कि अभी तक ये सवाल किसी ने क्यों नहीं किया

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यह मैसेज जितनी बार पढे उतना कम ही है । एक बार बाबाजी आये और उन्होंने छात्रों से कहा कि वे  आज जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ पढाने वाले हैं ... उन्होंने अपने साथ लाई एक काँच की बडी बरनी ( जार ) टेबल पर रखा और उसमें  ...

गुरु जी बोले, ” जहाँ तुम अभी रहते हो वहां किस प्रकार के लोग रहते हैं ?”

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अच्छे लोग बुरे लोग ! बहुत समय पहले की बात है. एक बार एक गुरु जी गंगा किनारे स्थित किसी गाँव में अपने शिष्यों के साथ स्नान कर रहे थे . तभी एक राहगीर आया और उनसे पूछा , ” महाराज, इस गाँव में कैसे लोग रहते हैं, दरअसल...

आलस्य को त्यागकर श्रम करने की सीख देती एक प्रेणादायक कहानी

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एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन  वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था |सदा स्वाध्याय से दूर भागने की ...

गुरु जी का शिष्यों को आखिरी उपदेश – एक प्रेणादायक कहानी

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गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों  में आज काफी उत्साह था , उनकी बारह वर्षों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और अब वो अपने घरों को लौट सकते थे . गुरु जी भी अपने शिष्यों की शिक्षा-दीक्षा से प्रसन्न थे और गुरुकुल की...

उसका उत्तर सुनकर मैं तो जड़-सी हो गई – एक प्रेणादायक कहानी

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वो समझदार बहू शाम को गरमी थोड़ी थमी तो मैं पड़ोस में जाकर निशा के पास बैठ गई। आखिर ,उसकी सासू माँ भी तो कई दिनों से बीमार है….. सोचा ख़बर भी ले आऊँ और निशा के पास बैठ भी आऊँ। मेरे बैठे-बैठे पड़ोस में रहने वाली उसकी...