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एक नई पहल…….
उसने ट्रेन के टॉयलेट के दरवाज़े के पीछे लिखें नंबर में कॉल लगाया ,
“हाँ आप रेनू बोल रहीं हैं”
” जी हाँ , लेकिन आप कौन और आपको मेरा ये नंबर कहाँ से मिला “
“दरसल वो ट्रेन , दरसल वो ट्रेन के डिब्बे में किसी ने आप का नंबर आप के नाम से लिख रखा है , शायद आपका कोई अच्छा दुश्मनः या फिर कोई बुरा दोस्त होंगा ,
जो भी हो आपसे ये कहना था कि हो सके तो ये नंबर चेंज करवा लीजिये या फिर किसी अच्छे से जवाब के साथ तैयार रहिये ,वैसे अब तक जितने आ गए आ गए ,आज के बाद किसी का नहीँ आएगा क्योंकि ये नंबर मैं डिलीट कर देता हूँ , जी रखता हूँ ख्याल रखिएगा “
और रामनारायण फ़ोन काट उस नंबर और नाम को मिटाने में लग गया !
” जी….जी…शुक्रि ” रेनू सिर्फ इतना ही कह पायी की फोन कट गया..
– जबसे रामनारायण की बहन अनजाने नंबर और उनपे सुन रही गंदे और भद्दे बातों की वज़ह से डिप्रेशन में गयी है , रामनारायण इन सारी वज़हों को मिटाने में लग गया है , ताकि किसी न किसी को तो बचाया जा सके –
~माना कि किसी बुराई की वज़ह नहीँ होगे तुम , पर किसी अच्छाई की वजह तो बन ही सकते हो ~
*स्वछ भारत*