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सत्संग की संगत – बीबी अचरज और हैरानी से बाबा जी को देखती हैं एक दिलचस्प कहानी

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सत्संग खत्म होने के बाद बाबा जी स्टेज के पीछे सीढियों से नीचे जा रहे थे, साथ में पाठी बीबी भी थे, पाठी बीबी बाबा जी से कहती हैं “बाबा जी आज तो काफी संगत आई है भंडारे पे, जरा अंदाज़े से बताइए की आज का सत्संग सुनने के ल...

बाबा, मेरा पति मुझसे बहुत प्रेम करता था , लेकिन वह जबसे युद्ध से लौटा है ठीक से बात तक नहीं करता – एक दिलचस्प कहानी

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बहुत समय पहले की बात है , एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था. वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर -दूर तक फैली थी. एक दिन एक औरत उसके पास पहुंची और अपना दुखड़ा रोने लगी , ” बाबा, मेर...

खुशी और संतोष का रहस्य – एक दिलचस्प कहानी

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  अमेरिका में एक सेमीनार चल रहा था जिसका विषय था – SECRET OF HAPPINESS AND SATISFACTION IN LIFE. बहुत सारे प्रवक्ता आये और उन्होंने अपने अपने मत रखे. सबसे आखिर में एक प्रवक्ता आये और उन्होंने वहां बैठे लोगो से...

चलिए हम ही बता देते हैं कि आगे उस लड़की ने क्या किया– एक प्रेणादायक कहानी

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1. धूर्त साहूकार और चालाक लड़की बात बहुत समय पहले की हैं। एक किसान को अपनी बुरी आर्थिक स्थिति से हार मानकर  गांव के ही एक साहूकार से क़र्ज लेना पड़ा, लेकिन काफी वक्त बीत जाने पर भी वह साहूकार का ऋर्ण नहीं चुका पाया। गाँ...

बाबाजी इन दोनों तोतों के व्यवहार में आखिर इतना अंतर कयों है?

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एक बार एक राजा शिकार के उद्देश्य से अपने काफिले के साथ किसी जंगल से गुजर रहा था | दूर दूर तक शिकार नजर नहीं आ रहा था, वे धीरे धीरे घनघोर जंगल में प्रवेश करते गए | अभी कुछ ही दूर गए थे की उन्हें कुछ डाकुओं के छिपने की ...

अगर मै अकेली एक बाल्टी पानी डाल दूं तो किसी को क्या पता चलेगा – एक प्रेणादायक कहानी

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एक बार एक राजा के राज्य में महामारी फैल गयी। चारो ओर लोग मरने लगे। राजा ने इसे रोकने के लिये बहुत सारे उपाय करवाये मगर कुछ असर न हुआ और लोग मरते रहे। दुखी राजा ईश्वर से प्रार्थना करने लगा। तभी अचानक आकाशवाणी हुई। आसमा...

क्या आप भी भगवान पर हँसते है ? – एक दिलचस्प कहानी

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  ऋषि अष्टावक्र का शरीर कई जगह से टेढ़ा-मेढ़ा था इसलिए वे अच्छे नहीं दिखते थे। एक दिन जब ऋषि अष्टावक्र राजा जनक की सभा में पहुंचे तो उन्हें देखते ही सभा के सभी सदस्य हंस पड़े। ऋषि अष्टावक्र सभा के सदस्यों को ह...

बाबाजी बोले – लो, तुम्हें इसी सन्दर्भ में एक कहानी सुनाता हूँ

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एक बार एक शिष्य ने विनम्रतापूर्वक अपने गुरु जी से पूछा-‘गुरु जी,कुछ लोग कहते हैं कि  जीवन एक संघर्ष है,कुछ अन्य कहते हैं कि जीवन एक खेल है और कुछ जीवन को एक उत्सव की संज्ञा देते हैं | इनमें कौन सही है?’गुरु जी ने तत्क...